विज्ञापन संख्या - 1/2019-20

                                           अध्येतावृति वर्ष 2019 के लिए

1. संस्थान निम्नलिखित क्षेत्रों में उच्च अध्ययन के लिए अध्येतावृति प्रदान करने हेतु आवेदन आमंत्रित करता है-

(क) सामाजिक राजनैतिक और आर्थिक दर्शन;

(ख) तुलनात्मक भारतीय साहित्य (जिसमें प्राचीन मध्यकालीन, आधुनिक, लोक और आदिवासी-साहित्य भी हो);

(ग) दर्शन और धर्म का तुलनात्मक अध्ययन;

(घ) शिक्षा, संस्कृति और कला, जिसमें निष्पादन कलाएँ और हस्तशिल्प भी हों;

(ङ) तर्क और गणित की मौलिक अवधारणाएँ एवं समस्याएँ;

(च) प्राकृतिक और जीवन विज्ञानों की मौलिक अवधारणाएँ और समस्याएँ;

(छ) पर्यावरण अध्ययन;

(ज) एशियाई पड़़ोसी देशों तथा विश्व के संदर्भ में भारतीय सभ्यता, और

(झ) राष्ट्रीय एकता और राष्ट्र निर्माण के संदर्भ में समसामायिक भारत की समस्याएँ।

विशेष ध्यानार्थ विषय

(क) विविधता में भारतीय एकता का विषय;

(ख) भारतीय चेतना का एकीकरण;

(ग) भारतीय प्ररिप्रेक्ष्य में शिक्षा का दर्शन;

(घ) प्राकृतिक विज्ञानों में उच्च अवधारणाएँ तथा उनके दार्शनिक पहलु;

(ङ) विज्ञान और अध्यात्म के संश्लेषण में भारत और एशिया का योगदान;

(च) भारतीय तथा मानव एकता;

(छ) भारतीय साहित्य का सहचर;

(ज) भारतीय महाकाव्यों का तुलनात्मक अध्ययन; तथा

(झ) मानव पर्यावरण

यद्यपि आवेदन संघ की आधिकारिक भाषाओं हिंदी और अंग्रेजी में करने होंगे, मगर विद्वान अपनी शोध परियोजनाओं पर इन दोनों भाषाओं अथवा भारतीय संविधान की अनुसूची-8 में निहित किसी भी भाषा में अनुसंधान कर सकते हैं। देश के सभी भागों और क्षेत्रों के साथ-साथ विदेशों के विद्वानों से भी आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं।

2. चूंकि संस्थान उच्च शोध कार्यों के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए यहाँ आँकड़े एकत्रित करने तथा क्षेत्र कार्य से जुड़े प्रयोगसिद्ध वाले कार्यों से जुड़ी परियोजनाओं पर विचार नहीं किया जाएगा।

3. समाज के कमजोर वर्ग से संबंधित विद्वानों तथा जो विशेष रूप से दिव्यांग हैं, उनके आवेदनों पर भी उचित विचार किया जाएगा।

4. अध्येतावृति का कार्यकाल पूरा होने पर अध्येताओं द्वारा जमा किए जाने वाले मोनोग्राफ का मूल्यांकन संस्थान द्वारा करवाया जाएगा और उसके प्रकाशन या सह-प्रकाशन पर भी संस्थान द्वारा ही विचार करेगा। संस्थान के पास प्रकाशन का पहला अधिकार होगा और संस्थान ही किसी अध्येता द्वारा जमा किए गए मोनोग्राफ के कॉपीराइट को साझा करेगा।

5. अध्येतावृति की अवधि न्यूनतम छह महीने और अधिकतम दो साल के लिए होगी, लेकिन किसी भी मामले में यह अवधि दो साल से अधिक नहीं बढ़ाई जाएगी। 6. निर्धारित आवेदन पत्र संस्थान की वेबसाइट: www.iias.ac.in से डाउनलोड किया जा सकता है। निर्धारित प्रपत्र में भरा गया आवेदन सचिव, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला - 171005 को भेजा जा सकता है। केवल संस्थान द्वारा निर्धारित प्रपत्र में भरे गए आवेदनों पर ही विचार किया जाएगा।

7. अध्येताओं को 1 मार्च से 15 दिसंबर तक संस्थान में रहना होता है । सर्दियों के महीनों के दौरान संस्थान में उनका रहना वैकल्पिक होगा। इस अवधि के दौरान वे अध्ययन अवकाश पर जा सकते हैं।

8. सेवारत अध्येताओं के वेतन की रक्षा की जाएगी। इसके अलावा, यदि कोई अध्येता संस्थान द्वारा आवंटित आवास में न रहकर, अलग अपने घर में रहता है तो उसे अपने मूल वेतन का 20 प्रतिशत भी मिलेगा। स्वतंत्र अध्येताओं की श्रेणी के अंतर्गत आने वाले अध्येता को 56,400/- (छप्पन हजार चार सौ मात्र) रूपए की अनुदान राशि प्रतिमाह (समेकित) मिलेगी।

9. संस्थान द्वारा चयनित अध्येताओं को राष्ट्रपति निवास परिसर में स्थित कुटीरों में सुसज्जित किराया मुक्त आवास सुविधा प्रदान की है। इसके अलावा, उन्हें कंप्यूटर और इंटरनेट आदि सुविधाओं से युक्त एक सुसज्जित अध्ययन (जो साझा करने के आधार पर हो सकता है) कक्ष प्रदान किया जाएगा। आवंटित आवास के लिए नाममात्र किराए पर बिस्तर भी उपलब्ध होंगे।

10. अध्येताओं को नाममात्र शुल्क के भुगतान पर स्थानीय आवाजाही के लिए संस्थान के वाहन की सुविधा प्राप्त होगी।

11. अध्येता संस्थान के औषधालय में चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने के हकदार होंगे।

12. सेवारत उम्मीदवारों को उचित माध्यम से आवेदन करना अनिवार्य है।

13. यदि कोई विद्वान पिछले पांच वर्षों के भीतर संस्थान का अध्येता रह चुका हो तो उसके आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।

चयन के उपरांत अध्येता को छह महीने के भीतर अध्येतावृति ग्रहण करनी होगी। अधिक जानकारी के लिए Secretary@iias.ac.in पर ईमेल करें अथवा 0177-2831389 पर दूरभाष से संपर्क किया जा सकता है।

महत्वपूर्ण लिंक

 

         आवेदन कैसे करें  ?

          अध्ययन क्षेत्र 

          अध्येतावृति के बारे में आमतौर पर पूछे जाने वाले प्रश्न

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