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Dr. Harimohan Budhauliya |
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About: प्रोफेसर हरिमोहन बुधौलिया
जन्मतिथि: 2 जनवरी 1945 पद: पूर्व आचार्य एवं अध्यक्ष हिंदीविभाग एवं संकायाध्यक्ष (कला) विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन (म.प्र.) एवं पूर्व अतिथि आचार्य, (साहित्य विभाग) महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा (महाराष्ट्र) अध्येता: भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला (2023-2024) शिक्षा: एम.ए., पीएच.डी. हिंदी 1973 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से ’अमृतलाल नागर: व्यक्ति और साहित्य’ विषय पर शोधोपाधि)। प्रकाशित पुस्तकें: कुल पाँच प्रमुख: 1. अमृतलाल नागर एवं अमृत और विष अनंग प्रकाशन, नई दिल्ली संपादित पुस्तकें एवं पत्रिकाएं - पाँच प्रमुख: द विक्रम रिसर्च जर्नलशोध, पत्र प्रकाशित- 25 शोध निर्देशन: 80 शोधछात्रों को पीएच. डी. की उपाधि। (विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर, बरकतुल्लाह वि.वि. भोपाल, देवी अहिल्या वि. वि. इन्दौर एवं भोज मुक्त वि. वि. भोपाल)। संगोष्ठी एवं पाठ्यक्रम निदेशक पाँच शोधसंगोष्ठी एवं पुनश्चर्या के निदेशक एवं रामन्वयक! देश विदेश में आयोजित 50 शोध संगोष्ठीयों में शोध-पत्र वाचन एंव प्रमुखक्त। विशिष्ट उपलब्धि 1) आठवे विश्व हिन्दी सम्मेलन न्यूयार्क में (13-14-15 जुलाई 2007) आयोजित संगोष्ठी में भारत सरकार के प्रतिनिधि रुप में सक्रिय भागीदारी। 2) गीतांजली मल्टी लिंगुअल लिटरेरी सर्किल यू.के. द्वारा आमंत्रित एवं नेशनल काऊंसिल ऑफ हिंदू टॅम्पुल यू.के. द्वारा आमंत्रित तथा विभिन्न धार्मिक संस्थानों में भारतीय संस्कृति एवं साहित्य पर व्याख्यान आयोजित ( 8 जून 2008 से 28 जून 2008 तक) 3) केन्द्रीय हिंदी निदेशालय, मानवसंसाधन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित प्राध्यापक व्याख्यान माला के अंतर्गत केरल के तीन विश्वविद्यालयों में (2008-2009), महाराष्ट्र के तीन विश्वविद्यालयों में (2012-2013) तथा गुजरात के तीन विश्वविद्यालयों में हिंदी भाषा एवं साहित्य एवं शोध - प्रविधि विषयों पर तीन-तीन कुल (9 व्याख्यान आयोजित 2018-2019) 4) विशिष्ट अभिरुचि- भारतीय साहित्य, भारतीय संस्कृति, भारतीय दर्शन, योग, अध्यात्म, एवं ज्योतिष। तुलसी कृतरामचरित मानस में विशेषज्ञता। 5) सम्मान एवं पुरस्कार - शासकीय एवं अशासकीय साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाआंे द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कार प्रदत्त। |
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