हिमांजलि

पत्रिका के बारे मेंआलेखों की प्राप्ति हेतु दिशा-निर्देशसंपादकीय मण्डल

हिन्दी में उच्चस्तरीय शोध को बढ़ावा देने की दिशा में संस्थान की अर्धवार्षिक पत्रिका हिमांजलि सतत प्रयासरत है। इसका प्रकाशन वर्ष 2000 में प्रारम्भ हुआ। प्रारम्भ में इस पत्रिका का प्रकाशन वर्ष में एक बार ही किया जाता था। वर्ष 2013 में संस्थान ने इसे साल में दो बार प्रकाशित करने का निर्णय लिया। वर्ष 2021 से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इसे मूल्यांकित पत्रिकाओं की सूची “केयर लिस्ट” में भी सम्मिलित कर लिया है। इस पत्रिका में मुख्यत: संस्थान के अध्येताओं एवं सह-अध्येताओं की शोध रचनाओं के साथ हिन्दी भाषा में लिखने वाले अन्य विद्वानों की रचनाओं को भी यथोचित स्थान दिया जाता है। इसके लिए समय- समय पर हिन्दी में लिखी हुई मौलिक व अप्रकाशित रचनाएँ आमंत्रित की जाती हैं। लेखकों से अनुरोध रहता है कि  वे यूनिकोड, चाणक्य तथा क्रुति देव में टाइप की हुई (वर्ड फाइल) अपनी मौलिक व अप्रकाशित रचनाएं himanjali@iias.ac.in पर मेल कर दें।

आरंभ वर्ष : 2000

भाषा : हिन्दी

क्षेत्र : हिन्दी में उच्चस्तरीय शोध को बढ़ावा देने

आलेखों की समीक्षा प्रक्रिया : डब्बल ब्लाइंड

प्रकाशक : भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला-171005

‘हिमांजलि’ हिन्दी में उच्चस्तरीय शोध को बढ़ावा देने की दिशा में संस्थान की अर्धवार्षिक पत्रिका है, जिसमें आलेख, निबंध, कविता, कहानी पुस्तक एवं फिल्म समीक्षा आदि प्रकाशित की जाती हैं।
‘हिमांजलि ’ अंक-31 (जनवरी –जून 2025 ) हेतु लेखकों से निम्न वर्णित निर्देशों के अंतर्गत रचनाएँ आमंत्रित हैं-
(1) रचनाओं को 3000 शब्दों और पुस्तक समीक्षा को 1000 शब्दों तक ही सीमित रखें। पुस्तक समीक्षा के लिए ऐसी पुस्तक का चयन करें, जो महत्त्वपूर्ण और प्रासंगिक हो और जिसका प्रकाशन गत दो वर्षों के भीतर हुआ है। संस्थान द्वारा प्रकाशित पुस्तकों की समीक्षाएँ प्राथमिकता के साथ स्वीकार की जायेंगी।

(2) सामग्री अनिवार्यतः वर्ड फाइल में यूनिकोड/ कृतिदेव/ शिवा मीडिया फॉन्ट (साइज 15) में ही भेजें। केवल पीडीएफ या हस्तलिखित रचनाएँ स्वीकार्य नहीं हैं। वर्ड फाइल के साथ पीडीएफ़ भी भेज सकते हैं।

(3) शोध आलेख या निबंध में एंडनोट (एमएलए/ शिकागो/ हार्वर्ड) ही इस्तेमाल करें। इटैलिक या अन्य कोई फोरमेंटिंग नहीं करें। फॉन्ट कनवर्जन के दौरान यह बदल जायेगी। ग्रंथ सूची की आवश्यकता नहीं है।

(4) हिमांजलि में चंद्र बिंदु (कँ) और नुक्ते (ख़) प्रयोग किया जाता है, इसलिए प्रेषित रचनाओं में इनका प्रयोग अपेक्षित है।

(5) पहले पृष्ठ पर सबसे नीचे केवल दो पंक्तियों में योगदानकर्ता की स्थिति और संस्थागत संबद्धता का उल्लेख होना चाहिए। अंतिम पृष्ठ पर लेखक के पते, ई-मेल और मोबाइल न. का उल्लेख अवश्य करें।

(6) लेखकों को अपनी रचना/समीक्षा आदि के मौलिक व अप्रकाशित होने के संदर्भ में संस्थान की वेबसाइट पर उपलब्ध घोषणा पत्र हस्ताक्षर सहित भरकर भेजना होगा।

(7) अंक-31 के लिए योगदान 30 अप्रैल 2025 तक संपादक के पास पहुँच जाना चाहिए।

(8) रचनाएँ सर्वथा मौलिक और अप्रकाशित होनी चाहिए। रचनाओं के चयन में संपादक मण्डल का निर्णय अंतिम होगा।

(9) रचनाएँ himanjali@iias.ac.in ई-मेल पर प्रेषित करें।

हिमान्ज्ली घोषणा पत्र यहाँ से डाउनलोड करें|

हिन्दी शोध पत्रिका ‘हिमांजलि ’ का संपादकीय मण्डल

1. निदेशक, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान-प्रधान संपादक (पदेन)
भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान
राष्ट्रपति निवास, शिमला-171005
दूरभाष (कार्यालय) : 0177-2830006
ईमेल : director@iias.ac.in

2. डॉ. जितेंद्र कुमार राय, (संपादक )
अध्येता ,भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान
राष्ट्रपति निवास, शिमला-171005
मोबाइल:
ईमेल : profjkrai@gmail.com

3. डॉ. शमीनाज़ खान- सदस्य
अध्येता ,भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान
राष्ट्रपति निवास, शिमला-171005
ईमेल : shaminaaz.edu@gmail.com

4. डॉ. रेणु द्विवेदी - सदस्य
अध्येता ,भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान
राष्ट्रपति निवास, शिमला-171005
ईमेल : drenu2311@gmail.com

5. डॉ. दीपक पांडेय - सदस्य
हिंदी विभाग
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बंठिडा
ईमेल : deepak.pandey@cup.edu.in


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